फूल की अधूरी अभिलाषा - ZorbaBooks

फूल की अधूरी अभिलाषा

यह बात है उस रात की जो 7 दिन पहले हुई,

छत के किनारे पर रखे गमलों की कलियों ने कही,

नीली कली ने कुछ कहा पीली कली के कान में ,

होंगे बड़े जब हम बनेंगे फूल इसी मकान में,

दिन वो भी जल्दी आ गया सूरज अंधेरा कहां गया,

सोमवार प्रातः काल में दिन भी खुशी के हाल में,

फूल मुस्कुराए गीत खुशियों के गाये,

उड़ता हुआ एक भंवरा आया फूलों पर खतरा मंडराया,

……….it is trailer 🙆‍♀️🙆‍♀️

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nirankarjaiswal61