मेरे कान्हा - ZorbaBooks

मेरे कान्हा

अब तो फिरसे बजावो बंसी मेरे कान्हा।

इस कलियुग में मुश्किल हो गया है जीना।।

आज भी तेरे भक्त खड़े है तान के अपना सीना।

फिर भी इस दुनिया ने उनका सुख चैन है छीना ।।

अब तो ठान ली है चाहे कुछ भी जाए छीन।

प्रभु तेरी भक्ति में हम सब रहेंगे लीन ।।

अब तो दरकार है वक्त की लेलो जल्द से कोई अवतार ।

और मिटा सभी पापियोंको को बनकर सबके तारणहार।।

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Sandip Subhash Shinde