तेरी याद में Teri Yaad Mein - ZorbaBooks
तेरी याद में

तेरी याद में Teri Yaad Mein

by Pradeep kumar Sumanakshar

179.00

Genre ,
ISBN 9789395217088
Languages Hindi
Pages 90
Cover Paperback

Description

यादें कभी मर्ज है कभी दवा। जिन्दगी में यादें या यादों में जिन्दगी अपने आप में एक पूरी कहानी समेटे होती है। प्यार की, दर्द की, ख़्वाब की, चाहतों की और उन अहसासों की जो हमने साथ जिए या महसूस किये। यादें जीवन की लिए दुखदाई हो सकती है और यादें ही जीवन जीने की उर्जा भी ।

यादें जिन्दगी के हसीं पल है। जिन्दगी के खुबसूरत पलों को सजो कर रखना किसे अच्छा नही लगता हर व्यक्ति अपने अतीत के स्वर्ण पन्नों को फ्रेम करके रखना चाहता है। इन्ही यादों का एक समुंदर मेरी इस पुस्तक में है जो हर दिल की आवाज है दर्द है। कोई प्रेम ऐसा नही जिसमे दर्द ना हो|कभी कभी ऐसा लगता है मानो सबकी जिन्दगी यादों का ही मेला है हम सब यादों की दुनिया में ही विचरते है रोज कितनी अच्छी बुरी यादें हमारे मन मस्तिष्क में आती है जो कभी हमें हँसा जाती है कभी आँखों में पानी भर जाती है ।

प्रेम में प्रेमी की याद तो जीने ही नही देती, सीने में आती जाती साँसों में आग लगा जाती है ना जीते बनता है ना मरते। ऐसा मालूम होता है की अब यादें ही प्रेम बन गयी है। प्रेम वफा बे-वफाई के बाद जो इनाम मिलता है वो है यादें। यादों का सफ़र तो समुन्दर में उठती लहरों सी है जो कितना भी शांत कर लो शांत ही नही होती, हर वक्त किनारों की तरफ लहरों की दौड़ लगी ही रहती है जबकि मालूम है की किनारे पर जाकर लहरों का अस्तित्व ही ख़त्म हो जायेगा, फिर भी मिलन की चाह में लगातार आगे ही बढती रहती है और जब ये मिलन की यात्रा बीच में रुक जाए; लहरें किनारे से ही मिल ही ना पाए जुदाई आ जाए दूरियां आ जाएँ तो शुरू होता है एक नया सफर यादों का… उसकी यादों का…….. तेरी यादों का… और बस मन हमेशा ही भटकता रहता है कभी लहरों में कभी किनारों पर …………. तुम्हें ढूंढता हुआ …. इधर से उधर… तेरी चाह में… तेरी तलाश में…..तेरी याद में…..

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