Khush Hone Ke Bahane Dunde खुश होने के बहाने ढूंढे - ZorbaBooks

Khush Hone Ke Bahane Dunde खुश होने के बहाने ढूंढे

by Ravi Kavi

149.00

Genre ,
ISBN 978-93-86407-61-0
Languages Hindi
Pages 126
Cover Paperback

Description

यह मत सोच की सबसे ज्यादा दुखी है तू, तेरी ज़िन्दगी एक श्राप है

क्यों चिंता करता है जब ऊपर वाला माईबाप है

इम्तेहान लेता रहता है तुमको परेशां कर-कर के

जो हस के सह ले उसके हिस्से पुण्य, जो करे आत्महत्या उसके हिस्से पाप है

मेरी ये पुस्तक ‘खुश होने के बहाने ढूंढे’ मेरी प्रथम रचना है। इसमें लगभग साठ कवितायें शेरो शायरी कुछ पौराणिक कथाएं तथा आज कल के समाज पर कुछ व्यंग भी है ।
इन कविताओं ओर कहानियों में हास्य व्यंग के अलावा ज्ञान ओर मनोरंजन का भी समावेश है । यदि किसी कटाक्ष या किसी व्यंग से समाज के किसी वर्ग विशेष, पेशे या व्यक्ति का मन आहत होता है तो उसके लिए लेखक क्षमा प्रार्थी है क्योकि लेखक का उद्देश्य किसी का उपहास करना या किसी पेशे का मज़ाक उड़ाना नहीं लेखक का उद्देश्य मात्र मनोरंजन है ।
आज के इस नीरस ओर उबाऊ रहन सहन में यदि कहीं मनोरंजन प्राप्त होता है तो वह किसी औषधि से कम कारगर नहीं होता

60 Lyrical, motivating and satirical poems that touch issues of every day life. These poems aim to entertain through satire and help individuals deal with the various issues that effects their day to day lives.

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