करोना
:- करोना:-
जिन्दगी मानो थम सी गई करोना के डर से बर्बाद हो गई। मानो इस ने सब कुछ छीन लिया अपनो में 3 मीटर की दूरी को इजाद किया। ये कहता है अपने मुख मण्डल पर नकाब डालो। ये कहता है अपने हाथो से हर बार गंदगी भगा लो। वरना मैं भी दस्तक दे डालूँगा तुझ संग तेरे परिवार को मैं खा डालूँगा। ईलाज कुछ भी नही है अब तक मेरा। तेरे समाज में भी मैं तेरे द्वारा मैं आ जाऊंगा। बस ये समझ ले मेरा चेन चलता है उस चेन से होकर मैं इंसानियत को तबाह कर डालूँगा। कोई तोड़ सके मेरे इस चेन को ये किसी की औकाद नही । देश का देश निगल लूँगा कुछ तो मेरे में बात सही। तू घर में कितने देर तक रह पायेगा अपने मोबाइल पर कितना टिक टॉक बनाये गा । कभी तो बाहर निकलेगा किसी दिल्ली, मुम्बई, अमेरिका या इटली वाले से बात करेगा । मैं उसे छोड़ तुझ पर सवार हो चलूँगा तुझे मोत के मुँह में धकेल फिर आगे बढूंगा। समझ ले अब क्या करेगा बात मान ले अपने प्रधान जी का तब तू जिन्दा बचेगा । नही तो पूरे मानव जाती के परजाती को मैं समाप्त कर जाऊँगा। सम्भल नही तो मैं फिर आऊँगा, सम्भल नही तो मैं फिर आऊँगा।
:-लेखक:-
अभिमन्यु कुमार
गोबरसही चौक मुज़फ़्फ़रपुर बिहार।
मोबाइल – 7903175557
Discover more from ZorbaBooks
Subscribe to get the latest posts sent to your email.