परिभाषा
‘पापा, ये हिन्दू क्या होता है ?’ किसी मसले को लेकर टीवी पर चल रही बहस से कुछ शब्द पकड़कर उसने बड़ी ही मासूमियत से पूछा.
‘जो लोग मंदिर जाते है वो हिन्दू होते है.’ टीवी स्क्रीन पर नजरें गड़ाए उसने अपनी आठ वर्षीया बेटी को जवाब दिया.
‘तो फिर मुसलमान कौन हुए ?’ उसने दूसरा प्रश्न दागा.
‘मुसलमान मस्जिद में जाते है.’ उसने परिभाषित करते हुए हौले से उसके सिर पर हाथ फेरा.
उसका जवाब सुन बेटी चुपचाप अपने खेल में फिर से मग्न हो गई. बेटी द्वारा पूछे गए एक बेहद संजीदा प्रश्न का आसान सा जवाब देकर उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव छा गए.
‘तो कम्मो कौन हुई, पापा ? वह तो रोज सुबह उसकी मम्मी के साथ काम पर जाती है. वह तो मंदिर भी नहीं जाती और मस्जिद भी नहीं’ कुछ देर बाद उसकी छोटी सी आंखों में फिर से एक प्रश्न तैरने लगा.
अपने ही जवाब के घेरे में फंसकर वह अब एक और जवाब ढूंढने की कोशिश करने लगा.
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