हम बेकार हमारी ज़िंदगी बेकार

हम बेकार हमारी ज़िंदगी बेकार

मतलबी लोगों से दोस्ती बेकार

 

हम बेकार हमारी दिवानगी बेकार

बद्दुआ देने वालों की तिश्नगी बेकार

 

हम बेकार हमारी खुशी बेकार

जो हम पर हँसे उनकी हँसी बेकार

 

हम बेकार हमारी इबादत-ओ-बंदगी बेकार

सोचा था वो लौट आएंगे हमारी मौत कि खबर सुनकर

महज़ अंदाज़ों पर खाई थी जो ज़हर वो खुद-कुशी बेकार

 

हम बेकार हमारी बेरुख़ी बेकार

बंद कर दो ये खिड़की दिन की ये रोशनी बेकार।।


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Ashu Choudhary "Ashutosh