Kahaniyaan
कहानियां कुछ कहती हैं।
किसी अधूरे से ख्वाब को बुनती हैं।।
कहानियां कभी सुकून देती हैं, तो डराती हैं कभी।
कभी आवाज़ सुनाई देती है बिसरी बचपन की इनमें,
तो कभी खामोशी से गुजरते लम्हों की दास्तां होती हैं।
कहानियां कुछ कहती हैं।।
किसी अनचाही सी आरज़ू की बस पुकार सी होती हैं।
ये कहानियां किसी नाविक के मल्हार सी होती हैं।
कभी किसी मद्धम से संगीत की तान होती हैं,
तो कभी चीखों से भरी दर्द की आवाज़ होती हैं।
कहानियां कुछ कहती हैं।।
ये कहनियां बड़ी बेबाक होती है।
बेझिझक अपनी बात कहती हैं।
परवाह नहीं करती किसी शुरुआत की,
ना ही किसी अंत की ये मोहताज होती हैं।
कहानियां कुछ कहती हैं।
कई हिस्सों को समेट कर खुद में,
किसी किस्से की पहचान होती हैं।
ये कहानियां बड़ी चालाक होती हैं।
कहीं होता है मनोरंजन इसमें,
तो कहीं खुदा से बुराई की ये हार होती हैं।
कहानियां कुछ कहती हैं।
कुछ समझाती हैं कभी,
तो जीने का तरीका सिखलाती हैं कभी।
कभी चोट पे मरहम सी लगती हैं।
तो गलतियों पे थप्पड़ सी छप जाती हैं कभी।
कहनियां कुछ कहती हैं।
ये कहानियां होती तो हैं रोमांचक मगर,
जिंदगी जीना बतलाती है यही।
कहती तो बाद में हैं जिंदगी के फलसफों को,
मगर कहीं पहले उस जिंदगी को जी जाती है कहानियां।
तो ज़रा सुनिएगा कभी गौर से,
कुछ कहती हैं ये कहानियां ।।
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