एकतरफ़ा बहार
वो बहार एकतरफा खिज़ा साबित हो गयी,
हमारी मोहब्ब्त एक क़ज़ा साबित हो गयी।
जो वजह हमको जीने का आसरा लगी थी,
वही हमारे मरने की वजह साबित हो गयी।
उसको उसकी मासूमियत का फायदा हुआ,
इसतरह बस हमारी गलती साबित हो गयी।
दुश्मनों से जब हमारा वास्ता पड़ने लग गया,
उसकी दोस्ती जैसे कि दगा साबित हो गयी।
इल्ज़ाम हमपर जब अचानक से बढ़ने लगे,
हमारी नेकनीयती भी ख़ता साबित हो गयी।
जब कुछ नही बचा था हमदोनों के दरमियाँ,
हमारी बात तब जाकर सही साबित हो गयी।
अब तो हमें भी चालाक कहते है दुनियावाले,
होते होते हमें भी दुनिया की आदत हो गयी।
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