बेक़रारी
बेक़रारी
एकबार हमें हमसफ़र बनाओ चलो,
हम मुंतज़िर है तुम्हारे आओ चलो।
चराग़ ए दिल राह में रोशनी देंगे,
तुम सारे चराग़ों को बुझाओ चलो।
एक एक करके सब पूरे हो जाएंगे,
सपने इन पलकों पे सजाओ चलो।
छुट्टीयों में बहोत अरमान पूरे होंगे,
तुम अपनी फेहरिस्त बनाओ चलो।
कुछ ताल्लुकात कायम हो ही जाए,
अपना वो वादा आज निभाओ चलो।
चैन मुझको इस बेक़रारी में आने लगे,
इसकदर मेरी जान मुझे सताओ चलो।
नज़ारा ए जन्नत बज़ारिये तुम्हारे होगा,
सारे परदों को सामने से हटाओ चलो।
अब खुश रहने में ही दुश्मनों की हार है,
आज़ाद तुम भी खुशियां मनाओ चलो।
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