एसिड अटैक
क्या गलती थी उसकी जो तुमने ये हस्र किया।
खूबसूरत से चेहरे को उसके एक क्षण में भस्म किया
क्या ख्वाब थे उसके कुछ कर दिखाने के
पर तुम्हारी इस दरिंदगी ने तो एक पल में उसे उसके मंजिल से दूर किया
क्या खूब उसने तुम्हारे ज़ुल्मो का डट कर सामना किया,
और तेरे उस पैग़ाम को सरेआम यूं नाकबूल किया
पर
क्या पता था उसे की अपने ख्वाहिशों का कर्ज़ कुछ यूं चुकाना पड़ेगा,
की अपने खूबसरत से शक्ल से ही हाथ धोना पड़ेगा।।
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