मेरी आदत नही है।
मुझे उससे कोई शिकवा
शिकायत नही है
अपनों से रूठने की
मेरी आदत नही है।
वो क्या करेगे
इश्क किसी से
इश्क जिनके लिए
इबादत नही है ।
इश्क की एक बूंद भी
हासिल नही है उनको
जिन पर खुदा की
इनायत नही है।
किसी के दर्द पर
ठहाका लगाने वाला
इंसान कहलाने के काबिल नही है
जिसमे इतनी भी शराफत नही है।
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