तुम्हे करना ही क्या होता है
घर पर रहकर परिवार का ध्यान ही तो रखना होता है,
सब के लिए खाना ही तो बनाना होता है,
सभी के सामान को सही जगह ही तो रखना होता है,
साफ-सफाई,बर्तन धोना और झाड़ू-पोछा ही तो करना होता है,
ये तो तुम्हारा धर्म है इसके अलावा तुम्हे करना ही क्या होता है।
यह सब तो चुटकियों में हो जाते ,फिर तो पूरा दिन आराम ही करना होता है,
बाहर जाके कमाने से तो ये सब आसान ही होता है,
फिर क्यों गुस्सा होती हो जब कोई कहता कि तुम्हे करना ही क्या होता है।
गर्मी में खाना बनाते वक्त जो पसीने टपकेंगे उन्हें कोई नहीं गिनेगा,
तुम जो काम दिन भर बिना थके करती उसे कोई नहीं देखेगा,
तुम्हे अपनी इस मेहनत और बलिदान का एक रुपया भी नहीं मिलेगा,
इसलिए पढ़ो वरना जिंदगी भर यही सुनोगी कि तुम्हे करना ही क्या होता है।।
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