कभी सोचा नहीं था कि ऐसे दिन भी आएंगे ✍️
कभी सोचा नहीं था कि ऐसे दिन भी आएंगे, छुट्टियां तो बहुत होंगी पर मना नहीं पायेंगे
आइसक्रीम का मौसम होगा पर खा नहीं पायेंगे
रास्ते खुले होंगे पर कहीं जा नहीं पायेंगे
जो दूर है उनसे मिल नहीं पायेंगे, और जो पास है उनसे हाथ नहीं मिला पायेंगे
क्या है तारीख कोनसा है वार , ये भी भूल जायेंगे
साफ हो जाएगी हवा पर चैन की सांस नहीं ले पाएंगे
क्या सोचा था कि ऐसे दिन भी आएंगे
Discover more from ZorbaBooks
Subscribe to get the latest posts sent to your email.