तेरी तबस्सुम
तेरी तबस्सुम देखने के लिए मेरी आँखे तरस जाती हैं,
नाकमबख्त ये वक्त भी ऐसा है, जब तू आता है तब ये रूहानी रात चली जाती है।
~ मुस्कान दहिया✍🏻
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