मेरे प्यारे बाल - ZorbaBooks

मेरे प्यारे बाल

बाल पे कविता”

प्रेम हे मुझे तुमसे आज ये तुम सुन लो

मैंने तुम्हें चुना हे तुम भी मुझे चुन लो

टूट – टूट कर यूं ना दर्द दिया करो

बिलख कर मुझसे खुद को आहत किया करो

बचपन से संवारा हे तुमको

जिसने भी देखा बस निहारा हे तुमको

मेरी रवानी का अद्भुत हिस्सा हो तुम

मेरी जवानी का जीता जागता किस्सा हो तुम

तुम्हारे होने से ही चेहरे पर चमक आती है

तुम लहराते हो हवा में कलियां मुस्कुराती है

तुमपे तो हर कोई मरता है

पर अब तुम्हें खोने से दिल डरता हे

कहीं तुम भी ना बेवफ़ा हो जाओ

ओर हमे यूं अकेला कर जाओ

दुनियां को तो चांद दिख जायेगा,,

पर ये हुस्न जीते जी मर जायेगा…!!✍🏻

निशान्त जैन”शुभ”


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Nishant Jain "shubh"