रूपा का बदला

शाम का समय दो बहनें तैयार हो रही है क्योंकि उनके कॉलेज में पार्टी है। पहले बस को मनाई थी की बस     नही आएगी लेकिन लड़कियों की सुरक्षा के लिए बस को  बस का आना स्वीकार हो गया।कॉलेज जाााके समय कॉलेज बस खराब हो गई  थी। कोई साधन नही था कि  आखिर लड़कइयों  को कॉलेज काइसे लेकर  जाया जाए तभी बहुत सारे रिक्शा वालो का झुुँड  दिखता है और लड़कियों को उसी से लेकर जाया जाता है।दोनो बहनो में छोटी वाली प्रिया और बडी वाली अंजलि है। प्रिया  दोस्त संचिता ओर उसकी दीदी तीनो एक साथ एक रिक्शा पे बैठे थे। वो रिक्शा सबसे आखिरी में चल रहा था तभी उन लोगो को एक गांव से लेकर जाता है वो गांव कॉलेज का छोटा रास्ता था। तभी रिक्शा एक मोड़ पर पहुचता है और प्रिया अपनी दोस्त को ओर दीदी को बताती है, कि उन तीनों को दो लड़के गंदे तरीके से देखते है और फिर धीरे धीरे उस रिक्शा का पीछा करने लगे।जो इंसान वो रिक्शा चला रहा था । उन लड़कियों ने उससे बताया कि हमारे रिक्शा का वो लोग पिच कर रहे ह लेकिन वो उनकी बातों पे ध्यान नही दे रहा था और सोच रहा था कि कोन इन सब में फसे ओर रिक्शा चलाते जा रहा था । तभी रिक्शा एक एक गली के पास आकर खराब हो गया और वो लड़के उस रिक्शा के काफी नजदीक आने लगे उन लड़कियों को समझ नाइ आ रहा था भागने के सिवा वो लोग तेज़ी से भागने लगी लेकिन भागते भागते वो लोग एक दूसरे से बिछड़ गयी प्रिय और उसकी दीदी एक गली में जा पहुंची और संचिता कहीं ओर।जिस गली में प्रिय ओर अंजलि पहुची थी वो गली शापित गली है लोगो का कहना है कि वहाँ कोई नही जाता है।जब वो दोनों उस गली से बाहर आने का रास्ता ढूंढ रही थी तभी पीछे से आवाज आई (ये गली शापित है) वो दोनों घबरा गई थी उन दोनो ने अपने फ़ोन का लाइट जलाया और इधर उधर देखा तो उन्हें वहाँ बहुत सारी लड़कियों की लाशें दिखी,वही उस घर के पास एक घर था वह दोनों इतना तेज़ी से भाग रही थी । कि उन्होंने घर पे ध्यान नही दिया लेकिन जब वो छुपने के लिए आपस पीछे आयी तो उन्होंने देखा कि उस घर का दरवाजा खुला है और वहाँ पर एक औरत थी वो दोनों उसके घर में घुस गए दरवाजा बंद कर लिया।जब उस औरत ने उनसे पूछा कि 'क्या हुआ" तो उन्हीने कुछ जवाब नही दिया वो दोनों इतना घबराई हुई थी कि कुछ बोल ही नही रही थी। वो औरत उस समय आगे वाले कमरे में थी बड़ी वाली उनके पैर छूकर बोलने लगी कि अपने हैम दोनो पर बहुत बड़ा उपकार किया है तब तक छोटी वाली फ़ोन ढूंढने लगी उसे केबल वाला फ़ोन मिला , उसके फ़ोन की बैटरी खत्म हो चुकी थी। वो उस फ़ोन से अपने पापा को फ़ोन लगा रही थी लेकिन फ़ोन डेड बात रहा था वो अपनी दीदी के फ़ोन से फ़ोन लगा रही थी लेकिन फ़ोन नही लग पा रहा था क्योंकि वहाँ पर नेटवर्क नही था। छोटी वाली उस औरत का फ़ोन लेकर फ़ोन लगाने लगी लेकिन सारे नंबर्स इधर उधर हो जा रहे थे  वो लिख कुछ और रही थी और लिखा कुछ और रहा था अंजलि को लगा कि शायद वो घबराने की वजह से फ़ोन नही लगा पा रही ह उसने उससे फ़ोन लिया और फ़ोन लगाने लगी तभी उस औरत ने बोला कि यहाँ नेटवर्क अच्छा नही आता है पीछे वाले कमरे में अच्छा नेटवर्क आता है तुम अंदर जाकर लगा लो ।…1 भाग समाप्त।।।।


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Nishtha singh