हम मिलेंगे तुमसे - ZorbaBooks

हम मिलेंगे तुमसे

हम मिलेंगे तुमसे….

 

तेज़ हवाओं के थपेडों में, बारिशों की ठंडक में

पेड़ों की छाँव में, परिंदों के शोर में

सुबह के उजालों में, रात की ख़ामोशी में

दरिया की गहराई में, आकाश की उंचाई में

हम मिलेंगे तुमसे….

 

तुम्हारे दिल की परेशानी में

तुम्हारे बंद आँखों के अंधेरों में

तुम्हारी फुर्सत के पलों में

तुम्हारे मन के ही किसी कोने में

हम मिलेंगे तुमसे….

 

इस दुनिया की रिवायतों से दूर

सही गलत के नियमों के पार

फरिश्तों कि दुनिया मे कहीं

जहां रूहें रहा करती हैं

इंतज़ार करना वहाँ

 

हम मिलेंगे तुमसे….


Discover more from ZorbaBooks

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Comments are closed.

Prerna Pujari