उलझन
उलझन बढ गयी है मेरी
दोस्ती खत्म हो रही है,
परेशान हूँ थोडी, क्यूंकि
धड़कने बढ रहीं हैं।
वो करीब आ रहा है
मेरे कदम सुन पडे हैं,
वो हँसा रहा है
मेरे होंट खिल पडे हैं।
उलझन बढ गयी है मेरी
दोस्ती खत्म हो रही है,
शायद वो बदल जाएगा
या मैं बदल जाऊगी,
इस बात की मेरे दिल दिमाग
में बहस हो रही है।
Discover more from ZorbaBooks
Subscribe to get the latest posts sent to your email.