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आज की मीडिया !

मीडिया को लोकतंत्र का प्रहरी तथा चौथा स्तम्भ माना जाता हैं । संसद, विधायिका कार्यपालिका तथा न्यायपालिका द्वारा हुई चूक को सामने लाकर वह लोकतंत्र की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देता हैं. मीडिया के कारण ही अनेक घोटाले उजागर होते है तथा जनता के अधिकारों की रक्षा होती हैं, लेकिन आज का मीडिया सरकार के एजेन्ट बनकर रह गये हैं और इनके लिए एक शब्द बहुत ही प्रासंगिक हो चला है जिसे ” गोदी मीडिया ” कहकर संबोधित किया जा रहा है ! एक समय हुआ करता था जब मीडिया सरकार से प्रश्न पूछा करती थी और सरकार को उनकी आवाज सुननी पड़ती थी पर अब मामला इसके पड़े है न मीडिया सरकारों से प्रश्न करती है और न ही वो जनता के मुद्दे को सही से उठाती है ! जनता के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है रोटी,कपड़ा , मकान,पढाई,दवाई,कमाई लेकिन आज की मीडिया सिर्फ और सिर्फ हिन्दू मुस्लिम, हिन्दू मुस्लिम करने में लगी हुई है। नतीजतन हमारी आने वाली पीढियों के ऊपर इसका गहरा दुष्प्रभाव पड़ रहा है और वे मानसिक रूप से कमजोर और असहिष्णु होते जा रहे । ऐसे कई मामलें रोज सुनने को मिल रहे कि किसी मुस्लिम ने हिन्दू को मौत के घाट उतार दिया तो कभी हिन्दू ने मुस्लिम को । मीडिया का काम है निष्पक्ष रूप से पत्रकारिता करना और जनता के मुद्दे उठाना ताकि उनको न्याय मिल सके ! आज के डिजिटल युग में भी ऐसे हजारों,लाखों मामले हैं जो दबा दिए जाते हैं । यही कारण है कि आज हम मीडिया की आजादी के मामले में 4 साल की सबसे खराब रैंकिंग पर हैं ,प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत को मिला 138 वां स्थान वहीं पाकिस्तान 139 वें स्थान पर है । मीडिया को मिलने वाली आजादी के मामले में भारत की स्थिति 4 साल के सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई है । आज की वास्तु स्थिति यह है कि अच्छे लेखक , चिन्तक और बुद्धिजीवी लोग लिखना भी कम कर दिये हैं और हिन्दी न्यूज पेपर के अच्छे संपादकीय लेख तक भी प्रकाशित नहीं हो रहे । अब समय आ गया है कि

हमें इस चीज के बारें में सोचना होगा और आने वाली पीढी को इस दुष्चक्र से बचाना होगा नहीं तो आने वाली पीढ़ियां हमें कभी माफ़ नहीं करेंगी!


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Rahul kiran
Bihar