तुमको केवल प्यार लिखूँ !
प्रणय चाँद श्रृंगार लिखूँ
या तुमको केवल प्यार लिखूँ,
पतझड़ के सूखे पत्तों पर
चंचल चाह दुलार लिखूँ।
सूखी पलकों की मेड़ों पर
क्या स्नेहिल एहसास लिखूँ,
पीली-पीली मृदु सरसों पर
क्या पहला रतिरास लिखूँ।
पारिजात से स्वप्निल मन पर
अधरों की मुस्कान लिखूँ,
कुसुमित जूही,मोंगरा पथ पर
प्रीत परस अवदान लिखूँ।
शीत निशा की तरुण चाँदनी
भींगी-भींगी रात लिखूँ,
या सपनों की सिकुड़ी चादर
पर मीठी सौगात लिखूँ।
रक्तिम अधरों के प्रवालो पर
पुलिन प्रीत अभिसार लिखूँ,
मधुरिम सिहरन की मदिरा में
भवि अश्रु अविकार लिखूँ।
तुझको लिखूँ कहाँ तक प्रियवर
नलिन श्याम घनश्याम लिखूँ,
नव उन्मेषित प्रणयन रंजन
स्नेह प्यास अधिमान लिखूँ ।।
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