वो अपना है ये जताना नहीं चाहते हम..!
वो अपना है ये जताना
भी नहीं चाहते हम…!
आरज़ू है कि वो हर बात को ख़ुद ही समझे
दिल में क्या-क्या है? दिखाना भी नहीं चाहते हम
एक पर्दे ने बना रक्खा है दोनों का भरम
और वो पर्दा हटाना भी नहीं चाहते हम
तोहमतें हम पे लगी रहती हैं लेकिन फिर भी
आसमाँ सर पे गिराना भी नहीं चाहते हम
ख़ुद-नुमाई हमें मंज़ूर नहीं है हरगिज़
ऐसे क़द अपना बढ़ाना भी नहीं चाहते हम
दस से मिलना है उसे, एक हैं उनमें हम भी
इस तरह उस को बुलाना भी नहीं चाहते हम
हम से मिलने की तड़प जब नहीं उनको तो
हाथ फिर उसस से मिलाना भी नहीं चाहते हम..!
खुद नुमाई- आत्म प्रदर्शन
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