जिंदगी की हकीकत
दुनिया स्वयं की धरती से नहीं बनी,
काया में बसी यह वही प्राण है,
जो साथ कभी-भी छोड़ देगी।
पर अंजान भाव से जिंदगी गुजारते हैं;
कुछ बड़ा करने का मकसद लिए मन में,
जिंदगी की हकीकत को झुठलाते हुए
जीने की चाहत मन में रखते हैं।
कुछ लोग औरों के लिए जीते हैँ
कुछ लोग खुद के लिए जीते हैँ
या यूं कहें कि
कुछ लोग हिम्मत रखते हैं
औरों के गम बांटने की,
कुछ लोग इच्छा रखते हैं
खुद के गर्ज पूरी करने की,
मुकाम भले अलग हैं
पर जिंदगी के बचे चंद लम्हों में भी
जीने की चाहत, मन में रखते हैं।
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