षड्यंत्र - ZorbaBooks

षड्यंत्र

उच्च स्तरीय मीटिंग चल रही थी माननीय मुख्य मंत्री, उप मुख्य मंत्री कुछ जिलाधीश और पुलिस के आला अधिकारी उसमें उपस्थित थे । इनमें एक जिलाधीश और डी आई जी ऐसे भी थे जो निलंबित चल रहे थे। इस मीटिंग में इंस्पेक्टर राजेश को भी बुलाया गया था। वह सॉफ्ट वार इंटेलिजेंस का एजेंट था और उसका अपने कार्य क्षेत्र में बड़ा नाम था ।

 मुख्य मंत्री ने निलंबित डी॰ एम॰ एस पी पाठक और डी॰आई॰जी॰ रामेश्वर सिंह को कहा, “आप लोग परेशान न होइयेगा हमें आपकी काबलियत पर कोई संदेह नहीं । विरोधी पार्टियां जनता को उकसाने मे कामयाब हो गयी और जनता के दवाब में ये कदम उठाना पड़ा । हम तो चाहते हैं आप लोग उन लोगों की मदद करते रहें जिन्हें आप लोगों की जगह आपके जिलों में भेजा है ।” “ जैसा आप कहें सर”, रामेश्वर सिंह ने कहा । पाठकजी ने सर हिला कर सहमति जतायी।

अब मुख्य मंत्री राजेश की तरफ मुखातिब हुए और बोले, “ तुम्हारी इंटेलिजेंस क्या कहती है ।

राजेश अपने स्थान पर खड़े होकर विनम्रता पूर्वक बोला, “श्रीमान इससमय जो देश और प्रदेश में जो अपराध घट रहे हैं इनमें से अधिकांश नियोजित है एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है ।”

“कोई साक्ष्य?” मुख्यमंत्री ने पूछा ।

राजेश बोला, “ आजकल कुछ अपराधों की संख्या अधिक बढ़ गयी है जो पहले कभी कभार होते थे । भीड़ द्वारा किए अपराध बढ़ गए है और गैंग रेप । ध्यान देने वाली बात ये भी है हर घटना की विडियो फिल्म बनती है जो न्यूज़ चैनलों को दे दी जाती है या इंटरनेट पर वायरल कर दी जाती है । लगभग सारे आंदोलनों में हिंसा और तोडफोड हो रही है । 

मुख्य मंत्री ने कहा ,“तुम्हारा इशारा पाकिस्तान की तरफ है क्या ?”

राजेश बोला , “जी हाँ माननीय ।”

इस बीच राजेश का मोबाइल वाइब्रेट हुआ ।

“माफ कीजियेगा, एक अरजेंट मेसेज है ।”

यह कह कर उसने फोन जेब से निकाल कर मेसेज पढ़ा। सब उसकी ओर उत्सुकता से देख रहे थे । उसकी आँखों में एक चमक आगयी थी ।

उसने अपना फोन मुख्य मंत्री को दे दिया और कहा ये मेसेज थोड़ी देर पहले सॉफ्ट वार इंटेलिजेंसे SWI ने थोड़ी देर पहले इंटरसेप्ट किया है ।

   मेरे प्यारे साथियो ,

हमारा पिछला मिशन हिंदोस्तान ने नाकाम कर दिया था । लेकिन हमारा इरादा और तरीका

वही रहेगा । याददाश्त के लिए दोबारा लिख रहा हूँ ।

1. हिंदुस्तान के विभिन्न विश्वविद्यालयों में दुष्ट तत्वों को सक्रिय कर वहाँ अशांति पैदा करना।

2. हिंदुस्तान में किसी भी समूह के द्वारा किसी भी शांतिपूर्ण आंदोलन में हिंसा फैलाने के लिए असामाजिक तत्वों का उपयोग करना ।

3. किसी भी तरीके से राजनीतिक अस्थिरता, धार्मिक उन्माद भड़काना और दुनिया में इंडिया की छवि को नुकसान पहुँचाना।

4. भारत के अंदर स्लीपर सेल सक्रिय करना और कश्मीर में आतंकी हमले करवाना ।

 आप सभी अपने अपने ठिकानों से काम करें ।

प्रदेश में 15 दिन बाद एक बडा आंदोलन होना था ।

मुख्य मंत्री ने उपमुख्य मंत्री से सलाह ली और सबको संबोधित करते हुए कहा , “पाठक जी और रामेश्वर जी के निलंबन निरस्त होते हैं । हमारे पास इस बार पर्याप्त इंटेलिजेंस इनपुट है ।

देखना है कोई मौके का फायदा उठा कर हिंसा ,तोड़ फोड़ या और कोई अपराध नसब जिलों को संदेश और आदेश भेज दिये गए। पूरे प्रदेश की पुलिस ने आंदोलन के दो दिन पहले ही सभी असामाजिक तत्वों और आपराधिक प्रवृति के तत्वों को एतिहातन जेल में डाल दिया। आंदोलन के दौरान भी पक्की नज़र रखी गयी । आंदोलन बिना हिंसा या अन्य किसी गड़बड़ के सम्पन्न हो गया । सरकार भी खुश और आंदोलन कारी भी क्योंकि अधकांश आंदोलन कारी हिंसा नहीं चाहते । आन्दोलल का स्वरूप शरारती तत्वों द्वारा गड़बड़ फैलाकर बिगाड़ा जाता है।  

कर पाये ।


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Ravi Ranjan Goswami