नृत्य
आज मैंने नृत्य देखा है
तस्वीरों का, अरमानों का, वीरानों का
बेगानों का, हैरानों का, परेशानों का
परवानों का, दीवानों का, पीने और पिलाने का ।
दिल से दिल मिलाने का ,पत्थर को कांकड़ बनाने का
बदसूरती से खूबसूरती को छल जाने का ,
इस चेहरे के पीछे ,वो चेहरा छिपाने का
वो चेहरा रोता हुआ , ये चेहरा मुस्कुराने का ।
हर क़दम ज़ला है, क़दम फूंक कर बढ़ाने का
थोड़ा साया जल गया, मलहम स्वतः लगाने का
लोग लगाएंगे, तो समझौता भी करेंगे
भूखे तो रहे , सौदा से परे , खुद कमाने का
एक दूजे हैं, एक दूजे के ख़ून के प्यासे
जल 70% है, फिर भी ख़ून से नहाने का
मिट्टी के ऊपर आते ,सृजन बीज के दाने का
आज मैंने एक नृत्य देखा है।
भय से भीत , न छिप ए कलमकार
कलम के गीत , ताक़त है तेरी
सत्ता में तो सभी है सफलकार
विफलता में भी बजाना रणभेरी।
असत्य से सत्य तक खींचनी एक रेखा है
हां,आज कलम से मैंने एक नृत्य देखा है।
आकाश में स्वच्छंद छलाँग से उड़ जाने का
चलने का, रुक जाने का, जीने का, मर जाने का
आज मैंने वाक़ई एक नृत्य देखा है।।
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