शिक्षक
जीवन के अंधेरे में ज्ञान का दीपक जलाएं हैं शिक्षक
राहों के बंद दरवाजों पर नया दरवाजा दिखलाते हैं शिक्षक
उन्हीं राहों पर होते है बहुत से भटकाने वाले
मंज़िल को परखकर नई राह बताते हैं शिक्षक ।
सुंदर सुर सजाने को शिक्षक,
परिंदे को बाज़ बनाने को शिक्षक
समंदर तो परखता है हौसले कश्तियों के ,
डूबती कश्ती को जहाज़ बनाने को शिक्षक ।
ढूंढों मेरा मज़हब जाके इन किताबों में,
मैं उन्हीं से आरती, उन्हीं से नमाज बनाता हूं,
ज्ञान के चक्षु बंद क्यों हैं?
आगामी कल को मैं आज बनाता हूं।
ऊंची ऊंची अट्टालिकाओं से
कभी प्यार से तो कभी बेशरम की शाखाओं से
प्रश्न भी कहां जटिल होते हैं
शिक्षक दिशा बताते हैं ज्ञान की लताओं से ।
पंखों की उड़ान तो बहुत ऊंची होती है,
शिक्षा के अभाव की उम्र छोटी होती है,
कब तक तुम मुझको रोकोगे, कब तक तुम मुझको टोकोगे,
एक शिष्य की पहचान शिक्षक से ही होती है ।
अखंड भारत का संकल्प एक समां है
हां मेरे प्रतिकार के समक्ष तुच्छ भी आसमां है
मैं अपने शिष्य का साथ छोडूंगा नहीं
ऐसा आशीर्वाद देने वाले शिक्षकों को मेरा प्रणाम हैं ।।
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