मेरे मन की बात
दिल ना चाहे फिर भी यारो,
मिलते जुलते रहा करो.
करो शिकायत गुस्से में ही,
कुछ ना कुछ तो कहा करो.
चेहरे पर मुस्कान पहन कर, बिना काम के घर से निकलो.
जाने अनजाने लोगों को, हाथ बढ़ा कर हैल्लो! बोलो.
बिन मतलब के करो दोस्ती, बिना काम के मिला करो.
दिल ना चाहे फिर भी यारो,
मिलते जुलते रहा करो.
कभी पुराने साथी के घर, जा पहुंचो बस बिना बुलाये.
हंस कर बोलो नहीं मिली है, बहुत दिनों से बढ़िया चाय.
चाय पियो और गले मिलो, आने का वादा लिया करो.
दिल ना चाहे फिर भी यारो,
मिलते जुलते रहा करो.
चुप्पी का कोई अर्थ नहीं है, जीवन के इस मेले में.
सीना तान के मिला करो, सोचो मत यूँही अकेले में.
दिल में चाहे प्यार ना हो, पर फ़ोन घुमाते रहा करो.
दिल ना चाहे फिर भी यारो,
मिलते जुलते रहा करो.
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