आसमान को खुलने दो
ज़िंदगी खोजती है
एक नयी राह
उम्मीद भरे सपने
खुशियोंकी चाह
जीना चाहते है
हम भी शान से
सिना फूलना चाहिए
लोगोंके सन्मान से
गूंज उठे हमारा लिए
खुशियोंकी शहनाई
कलियाँ खिलती रहे
ना मिले कभी तनहाई
हमारी ज़िंदगी भी
चाँद से आबाद हो
आ करते रब से
ना ये बर्बाद हो
ऐसे विचिलित हालाथ में
हमे अपना सुख पाना है
अपनानोंसे होकर रूबरू
दगी का गीत गाना है
हर दर्द का रिश्ता
अब हमे भूलने दो
इस नये पंछी को
आसमान खुलने दो
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