तुम्हारा इंतज़ार है

उनकी गलियोंसे गुजरती राहें

दो दिल मिलना हमेशा से चाहें

 

दरमियाँ था अनजान फासला

कैसे कहे, ये तक़दीर का है मसला

 

उनसे करना कहते थे गुज़ारिश

भीगा रही थी, हमें सपनोंकी बारिश

 

तुम्हारे ना आने की पायी सजा

तुमसे मिलनेमें होता अजीब ही मजा

 

क्यों हो गए तुम हमसे जुदा

क्या वजह है, तू ही बता, खुदा

 

हर पल रहना चाहते थे तुम्हारे साथ

बीत जाए ये उम्र, लेकर हाथोंमें हाथ

 

तुम नहीं आओगे, ये इकरार है

फिर भी मुमकिन, तुम्हारा इंतज़ार है


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sandeep kajale