रह गयी बात अधूरी
हमे कुछ उनसे कहना था
उनके दिल में रहना था
चाहते थे ज़िंदगीभर का साथ
सफर हो लेकर हाथोमें हाथ
शायद जी सके दो पल
हमराही आ कही दूर चल
देखना चाहते थे प्यार के ख्वाब
उलझते सवाल, ढूंढ़ते रहे हम जवाब
अजीब सा खामोश पानी है
कुर हो रही, हमरी ज़िंदगानी है
रिश्तोंमें बढ़ रही है दुरियाँ
टूटे दिल, बदनाम यारियाँ
ना छोड़ो हमे बीच राह में
जी सके आपकी ही चाह में
काश सुना पाते हमारी आरजू पूरी
मगर अफ़सोस…………
रह गयी बात अधूरी
रह गयी बात अधूरी
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