सिक्के का भारत भ्रमण

सिक्के का भारत भ्रमण

“गोल मटोल एक रुपये का सिक्का था।

भारत भ्रमण करना चाहता था”।।

“रहता था वो बहुत दूर ।

ऑटो में बैठ कर पहुंचा जयपुर”।।

“जयपुर से ली थी उसने बस की सवारी।

वहा मिल गया उसका दोस्त बनवारी’’।।

“था वो सिक्का दो रुपये का।

दोस्त था वो उसका पक्का”।

“गांधीनगर पहुंच गए करते-करते बात।

है ये राजधानी जिसकी, नाम है उसका गुजरात”।।

“घुमा सोमनाथ, द्वारका मंदिर, वडोदरा और पोरबंदर।

धन्य हुआ देख कर अक्षरधाम मंदिर, कच्छ और गांधीनगर”।।

“गुजरात से पकड़ी ट्रेन पहुचे मुंबई।

सवार थे उसमें नोट पांच और दस के भाई”।।

“मुंबई है राजधानी महाराष्ट्र की।

आन बान शान है हिंदुस्तान की”।।

“गेटवे ऑफ़ इंडिया, हाजी अली दरगाह, एलीफैंटा केव्स, और जुहू बीच।

सारे दर्शनीय स्थल कर रहे थे सब को अपनी और खींच”।।

“उसके बाद, ले कर कार पहुंचे तमिलनाडु के चेन्नई।

जहा देखने को मिली उनको जगह नई नई”।।

“मिलना हुआ वहा बीस और पचास के नोटो से।

घूमेंऊटी,पांडिचेरी,कन्याकुमारी,रामेश्वरम,महाबलीपुर और ऑरोविले”।।

“आगे बढ़े वो करके हवाई सवारी।

सौ और दो सौ के नोट मिले उसे बारी बारी”।।

“सब का मन हो गया खुश देख कर कोलकाता।

बंगाल की है ये राजधानी देखने के लिए लगता है लोगो का तांता”।।

“काली मंदिर, दार्जिलिंग,सिलीगुड़ी और विक्टोरिया मेमोरियल।

जिनको देख कर मिलता है हमे ज्ञान भरपूर और रियल”।।

“बंगाल से निकल कर सीधा पहुंचे हम देहरादून।

नोट पांच सौ का देख रहा था वहा का मानसून”।।

“राजधानी उत्तराखंड की ये है बड़ी खूबसूरत और पाक।

मसूरी, नैनीताल,हरिद्वार और जिम कार्बेट नेशनल पार्क”।।

“करी नाव की सवारी पहुंच कर श्रीनगर।

किए दर्शन वैष्णो देवी के घूमे नगर नगर”।।

“कश्मीर देख कर मन को हुआ बहुत ज्यादा गर्व।

समझ आया क्यों कहते है इसे धरती का स्वर्ग”।।

“हो गया मन प्रफुल्लित करके हर जगह के दर्शन।

कुछ इस तरह से किया सिक्के ने भारत भ्रमण”।।

सादर

शालिनी चौहान

रा उ मा वि सोमलपुर अजमेर

(इस कविता से बच्चो को भारतीय मुद्रा ,प्रमुख दर्शनीय स्थल, राज्यों की राजधानी

और परिवहन के साधनों की जानकारी मिलती है)


Discover more from ZorbaBooks

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply

Shalini chauhan
Rajasthan