जिगरी वाला यार

उस हर वक्त के मिलन को..
हम एक हसीन मुलाकात समझते थे..
बस आदत ही तो थी तुम्हारी ..
जिसे हम इकतरफी मुहब्बत समझते थे..
आज बिना किसी डर , हमने इजहार तो किया…
पर जनाब हमें कहां पता था..
कि आप तो बस हमें वो जिगरी वाला यार समझते थे 
इजहार को मेरे वो दोस्तों वाला प्यार समाझते थे।२।

🖤 Shravani.L


Discover more from ZorbaBooks

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Comments are closed.

Shravani Prakash Lingade