लो आ गई २५वीं दिसम्बर
लो आ गई २५वीं दिसम्बर,
दिल दु:खाने को,
आंखें भींगाने को,
पल पल ख़ली कमी,
अटल जी हमें आपकी,
लो आ गई २५वीं दिसम्बर,
नेताओं की वाचा संयम,
जब खो देती है,
बहुत याद आती है,
संयमित वाचा वो आपकी,
लो आ गई २५वीं दिसम्बर,
स्मृति पटल पर छा जाती हैं,
पंक्तियां वो आपकी,
*मैं जी भर जिया,*
*मैं मन से मरूं।*
*लौट कर आऊंगा,*
*कूंच से क्यों डरुं।*
लौट आओ पूजनीय,
लौट आओ माननीय।
अब तो आपना वचन,
निभाओ अटल जी।
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