लो आ गई २५वीं दिसम्बर - ZorbaBooks

लो आ गई २५वीं दिसम्बर

लो आ गई २५वीं दिसम्बर,

दिल दु:खाने को,

आंखें भींगाने को,

पल पल ख़ली कमी,

अटल जी हमें आपकी,

लो आ गई २५वीं दिसम्बर,

नेताओं की वाचा संयम,

जब खो देती है,

बहुत याद आती है,

संयमित वाचा वो आपकी,

लो आ गई २५वीं दिसम्बर,

स्मृति पटल पर छा जाती हैं,

पंक्तियां वो आपकी,

*मैं जी भर जिया,*

*मैं मन से मरूं।*

*लौट कर आऊंगा,*

*कूंच से क्यों डरुं।*

लौट आओ पूजनीय,

लौट आओ माननीय।

अब तो आपना वचन,

निभाओ अटल जी।


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Shreya Joshi