वक्त - ZorbaBooks

वक्त

काश! समझ आया होता वक्त मुझे वक्त रहते,

गुजार दी जिंदगी मैंने यूं ही वक्त के इंतजार में।

आज वक्त लौट आया मेरा, पर अपनों से जुदा करने,

बेवक्त ही इस दुनिया से अलविदा कहने।


Discover more from ZorbaBooks

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply

Sristi Mishra
Bihar