बेटी

बेटी

आज नारी सशक्तीकरण पर आयोजित एक फंक्शन में मंत्रीजी ने बहुत अच्छा भाषण दिया.सभी लोग सुनकर बहुत खुश हुए.सबके मन में उनके लिए इज्जत ॿढ़ गया .सबने सोचा वाकइ मंत्रीजी महिलाओं की बहुत इज्जत करते हैं.     

शाम को जब घर आए तो मंत्रीजी की इकलौती संतान उनकी ॿेटी ने बहुत खुशी से कहा" पापा मेरा बीए का रिज्लट आ गया मैंने कालेज में टाॉप किया है."

"अच्छा बडी अच्छी बात है , अब जाओ अपनी मां के काम में हाथ बंटाओ."

"पर पापा मैंआगे भी पढूंगी मुझे बहुत बड़ा वकील बनना है."

"पर ॿेटा तुम लड़की हो इतना पढकर क्या करोगी और ये वकील बनना तुम्हारे वश की बात नहीं है.मेरी बडी इच्छा थी कि मेरा एक बेटा होता तो मेरी तरह राजनीति में बहुत आगे जाता .पर भगवान ने मुझे बेटी दी.अब तुम्हें ज्यादा पढ़ाने से कोइ फायदा नहीं है जाओ घर का काम करो."

बेटी उदास होकर चली जाती है.


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Suchita kumari