उम्मीद और मुस्किले
मुश्किलें अब थक कर,रुक गई है,
उनका हौसला अभी भी टूटा नहीं है,, वह फिर उठ खड़ी होंगी, और अपने काम में जुट जाएंगी
उम्मीद अब मर चुकी है,मै उसका एहसानमन्द रहूंगा, वह आखरी सांस तक, मुझे उठा के चलती रही, वह मुश्किलों को खत्म कर पाने में तो नाकाम रही, पर अच्छे खासे समय के लिए उन्हें थका ज़रूर दिया है।
मुश्किलो और उम्मीदों की लड़ाई में एक तो दम तोड़ना ही था,।
पर इस लड़ाई की खलनायक रही मेरी किस्मत, जिसका मै कुछ कर नहीं पाया।
मेरी ज़िन्दगी और उसको जीता हुआ मै 'उम्मीद को मारता हुआ देख बहुत शांत हो गए है,
अब इस वक़्त सब रुक गया है, अब हम फकत इंतज़ार में है, उस पल के, उस समय के "जब वो होगा जो मैने कभी सोचा था" , जिसके लिए मैने खुद को अभी तक बचाए रखा है
जैसे के मेरे हुए कभी वापस नहीं आते,,, मैरी उम्मीदे भी अब कभी नहीं आएंगी,
अब उम्मीद तो नहीं है,।
पर एक इंतज़ार है एक "नई उम्मीद का जन्म होगा, जो बहुत सुंदर और ताकत्वर होगी, जो
ता- उमर मेरे साथ रेहग और मुझे जगाए रखे गी
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