खुशी बन गए हो । - ZorbaBooks

खुशी बन गए हो ।

लत बन गए हो, तलब बन गए हो,
लम्हों की गुज़ारिश बन गए हो,
दिल और दिमाग़ में अपना आशियाना कर गए हो,
दुरियां जितनी भी दरमियान हो,
सबसे करीब तुम ही लगते हो,
क्या कर गए हो ऐसा,
रुह से रूह को जोड़ गए हो।

 


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Wahida
Delhi