संघर्ष बिना गुजारा नहीं
शायरी
संघर्ष बिना गुजारा नहीं, हौसला बिना सहारा नहीं। रास्ता बिना मंजिल नहीं। पर मंजिल को पाने का इरादा नहीं।लाखो के भीड़ मे मैंने उसे चुना था, अब वो नहीं तो उनकी बात यादे सही। मुझे लग रहा था कि ओ मुझे चोर कर जा सकती है ओ गए तो क्या उनके यादे सही। ओ मुझे भूल गई तो क्या हुआ मैं नहीं भूला उनको नफ़रत सही मेरी चाहत सही
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I like you your poem💯💯💯