मुसलसल जज़्बात - ZorbaBooks

मुसलसल जज़्बात

तेरी हर मुक्तसर मुलाकात को बरी सिद्दत से संभाल कर रखा है। 

जालिम तेरे ना होने पर तेरी यादें मेरी जज़्बातो को मुसलसल करती है।

 

 


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Amrita Roy