'एक गृहनी का सपना,' एक प्यारा सा आँगन हो मेरा , . *जहा बच्चे की किलकारी का हो डेरा,.* बुजुर्ग को के आशीर्वाद से हो सुबह मैरी, *पति के संग स चाय से हो मैरी साम पूरी,... *इन सब के साथ मुझे पँख खोलने का दो एक मौका, *मेरी कॅरियर की उड़ान को ना जाए रोका,* कूछ खास बनके दिख ला ने का हैँ मेरा भी सपना, *ये वादा हैँ मेरा अपना.. 🙏🏻यही हैँ एक गृहनी का सपना - ZorbaBooks

‘एक गृहनी का सपना,’ एक प्यारा सा आँगन हो मेरा , . *जहा बच्चे की किलकारी का हो डेरा,.* बुजुर्ग को के आशीर्वाद से हो सुबह मैरी, *पति के संग स चाय से हो मैरी साम पूरी,… *इन सब के साथ मुझे पँख खोलने का दो एक मौका, *मेरी कॅरियर की उड़ान को ना जाए रोका,* कूछ खास बनके दिख ला ने का हैँ मेरा भी सपना, *ये वादा हैँ मेरा अपना.. 🙏🏻यही हैँ एक गृहनी का सपना

‘एक गृहनी का सपना,’ एक प्यारा सा आँगन हो मेरा , . *जहा बच्चे की किलकारी का हो डेरा,.* बुजुर्ग को के आशीर्वाद से हो सुबह मैरी, *पति के संग स चाय से हो मैरी साम पूरी,… *इन सब के साथ मुझे पँख खोलने का दो एक मौका, *मेरी कॅरियर की उड़ान को ना जाए रोका,* कूछ खास बनके दिख ला ने का हैँ मेरा भी सपना,       *ये वादा हैँ मेरा अपना.. 🙏🏻यही हैँ एक गृहनी का सपना


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Vibha joshi