हिन्दुस्तानी हे हम
हिन्दुस्तानी हे हम
गर्व हे हमें अपने वतन पे।
ना कोई भी मान ,ना अभिमान
पाते हम शान अपने वतन से।
हिन्दुस्तानी हे हम
गर्व हे हमें अपने वतन पे।
जहाँ राम और सीता
बसे हो सभी के मन में
जहाँ पवित्र भाव होते हे
हर एक मन में
जहाँ मन के अहसास
बहते हे बनके गंगा जल से
कर निश्चय तु अपने भी मन से
बने हम वीर अपने मनो बल से
जो रहते हे अटल अपने वचन पे
मौका मिले जो दे जान अपने वतन पे
हिन्दुस्तानी हे हम
गर्व हे हमें अपने वतन पे।
ले संकल्प आगे बढे हम
हर ईष्या-द्वेष से दूर रहे हम
भाई -चारा हे यहाँ हर धर्म में
करे गुणगान सच्चे मन से
हिन्दुस्तानी हे हम
गर्व हे हमें अपने वतन पे।
जहाँ ऊँचे विचार सभी के मन में
हो अम्बेडकर जैसे विचार हर एक जन के
भारतवर्ष आगे बढे जोश और उमंग से
ऊँचा हो हमारा हिन्दुस्तान पुरे विश्व भर में
हिन्दुस्तानी हे हम
गर्व हे हमें अपने वतन पे।
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