तैयारी में दोस्ती - ZorbaBooks

तैयारी में दोस्ती

तैयारी में दोस्ती

जाने कितने शहरों से बच्चे तैयारी करने जाते हैं, कोई यूपीएससी कोई आईआईटी तो कोई नीट का सपना सजाते हैं, बड़ी उम्मीद लेकर बच्चे अपना घर का सुख छोड़ कर आते हैं, जब वह यहां आते हैं तो अपना पूरा जान लगते हैं

पहले बच्चे जब आते हैं दोस्त यार बनते हैं, संग खाना संग रहना एक अपनेपन का माहौल बनाते हैं सड़कों की टपरियों पर संग चाय पीने जाते हैं , कोई दोस्तों उदास बैठा तो फिर वह उसे बनाते हैं

सब साथ रहते हैं तब तक जब तक पेपर नहीं आता है और पेपर जब आता है तो दोस्त दोस्ती दूर हो जाता है, जाने वह क्या सीख पाए तैयारी के इस माहौल में आने से दोस्त छुपाते हैं पढ़ाई के राज अपने दोस्तों से ही बताने से , मानो 16 लाख की भीड़ में वह दो तीन से तुम्हारी सारी प्रतिस्पर्धा है,

अरे सिलेबस एक ,मॉड्यूल एक ,पेपर एक फिर किस चीज को तुम छुपाते हो मुंह मोड़ कर चलते हो ,बात नहीं करते हो जाने क्या दर्शना चाहते हो

नही निभानी थी दोस्ती तो तुम क्यों दोस्ती कर लेते हो बाद में स्वार्थी की तरह अपना राह मोड़ लेते हो

प्रियांशु सिंह


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Priyanshu singh
Uttar Pradesh