जिंदगी के अतिथि - ZorbaBooks

जिंदगी के अतिथि

जिंदगी के अतिथि सुख और दुख,

आते हैं जाते हैं कुछ घड़ी रुक।

सुख हंसाते हैं दुख रुलाते हैं,

आखिर में सबक देकर ही जाते हैं।

जीवन को जीना भी यही सिखाते हैं।।

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Parisa Gupta