shirikaagarwal.gudiaPoem 276Khubsuratiख़ूबसूरती का बयान आसान नहीं तारीफ़ भरे लफ़्ज़ों की मोहताज नहीं ।। कोई सूरत में देखे तो कोई मूर्त में कोई शब्दों में देखे तो कोई जज़्बातों में।। कोई करमों में देखे तो कोई रूह मेंRead More...
shirikaagarwal.gudiaStories 309Dete h pankh Mujheदेते है पंख मुझे पर पुछो क्या मैं आज़ाद हूँ !! कही रिवाजों की बेड़ियाँ कही समाज से आघात हूँ कभी कोई दरिंदा नोचने को तो कहीं किसी के लिए अभिशाप हूँ।Read More...