बालम’ जब लो जी भर न देखूं’…..
बालम’ जब लो जी भर न देखूं’
भोले पिया, अजी ऐसे ही ठारे रहो’
नैना को मिलने भी दो, नैनों से मेरे’
कहूं तोहे पिया, बस’ बन के हमारे रहो।।
बातें जो प्रीति के रस में डुबोये हुए’
कह दूं नजर से, तुममें ही खोये हुए’
छवि तेरी बसी है जो दिल में हमारे’
कहूं तोहे पिया, बस’ बन के हमारे रहो।।
अजी इश्क में मिलता नहीं चैन दिल को’
मन तुम्हारे लिये, इस तरह चैन खोए’
जगी प्रेम मन में, तुम्हें करूं मैं इशारा’
कहूं तोहे पिया, बस’ बन के हमारे रहो।।
असर आज जो’ प्रेम का छाया हुआ’
मन मेरा चंचल’ तुम पर है लुभाया हुआ’
जी भर के देखूं, आज दिलकश नजारा’
कहूं तोहे पिया, बस’ बन के हमारे रहो।।
चढा आज रंग प्रेम का, मेरे अंग-अंग’
तुम संग पिया’ रंग जाऊँ प्रीति के रंग’
इक तो असर है अलग, दूजे बाली उमर’
कहूं तोहे पिया’ बस’ बन के हमारे रहो।।
अजी ठारे रहो’ जी भर जब ले देखूं तुम्हें’
नजर से नजर मिले, प्रेम रस छीटें पड़े’
इधर आग है-उधर आग है, प्रेम ज्वाला बना’
कहूं तोहे पिया, बस’ बन के हमारे रहो।।
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