माँ से बड़ा वरदान न मागुंगा - ZorbaBooks

माँ से बड़ा वरदान न मागुंगा

माँ से बड़ा वरदान न मागुंगा प्यार का बेफिजुल हिसाब न मागुंगा। जननी जगदम्बा हैं तू एक तुम्हारी कस्ट जन्म देते समय का मैं उसे जिंदगी भर भूला ना पाऊंगा। नीच हैं वो संतान जो तेरा हिसाब मांगते हैं मां मेरे लिए` ʼक्या किया मांʼ तुम्हारा बड़ाबरी भगवान भी ना कर पाएगा। गंदर्भ का राज भी कम पर जाएगा।

घमंड, द्वेष और ईर्ष्या के पैरों तले रख कर मुझे पालती हो कभी मुझे कोई कस्ट ना हो यह वरदान जिंदगी भर तक देती जाती हो। मैं तो भगवान से भी बड़ा माँ को मानता हूॅं। मैं माँ के किस्से सब को सुनाता हूॅं। यू तो हूॅं बहुत छोटे घर से पर माॅं के ममता को बहुत अच्छी तरह से जानता हूॅं।

ममता की मूरत है ईश्वर की सूरत दिन का शाम जिंदगी का आराम मेरे लिए तू सबसे बड़ा वरदान है। मेरा सम्मान है माँ मेरा अभिमान है माँ मेरे लिया सबसे बड़ा संसार है माँ। सुख हो चाहे दुख हो पर बच्चों की ताकत है। माँ तू मेरे लिए भगवान से भी महान है🥰


Discover more from ZorbaBooks

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply

Himanshu Kumar jha
Bihar