Description
यदि मेरे मन उपवन के किसी बंजर कोने में कविता का अंकुर तुम्हारे कारण प्रस्फुटित हुआ है, तो कविता ही मेरे लिए सृजन की सबसे बडी विधा है।
– इसी पुस्तक से – ख़्वाबों पे गुज़र कब होती है
लेखक के बारे में:
श्री आनंद श्रीवास्तव एक वरिष्ठ बैंकर रहे हैं। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक से महाप्रबंधक के पद पर रहते हुए सन 2020 में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली और लेखन, पठन-पाठन से सदैव जुड़े रहे।
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