शीर्षक- लड़कियों का शौचालय - ZorbaBooks

शीर्षक- लड़कियों का शौचालय

यह कहानी एक ऐसी लड़की की है जिसका नाम मुन है। मुन एक लापरवाह और सर्द मिजाज और मनमौजी स्वभाव ki है। उसका स्वभाव एक छोटे जिज्ञासु बच्चे की तरह है, जो अपने आस-पास की हर चीज के बारे में जानना चाहता है। मुन के बचपन की दोस्त है जिसका नाम शीतल है। वो दोनो बचपन से हमेशा साथ-साथ ही रहे हैं। शीतल का नेचर मुन से एक दम डिफरेंट (diffrent) है, जहां मुन मूडी है वहीं शीतल एक समझदार या शांत नेचर की लड़की मालुम होती है।कहानी की शुरुआत होती है देहरादून के शहर से शीतल और मुन इसी शहर में पली- बीडी है दोनो दोस्तों का एक ही सपना था कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करे के लिए जाना चाहती थी. शीतल और मुन दिन-रात एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी एक साथ मिल करते थे।आज फाइनली उन दोनों के एंट्रेंस एग्जाम के रिजल्ट का दिन था। शीतल और moon के माता-पिता उन दोनो को प्रोत्साहित करें रहे थे और उनका होसला बड़ा रहे थे । सब मुन के घर पर थे मुन ने अपना और शीतल का रिजल्ट लैपटॉप पर चेक किया और देखते हैं के सारे घर में एक खुशी की लहर चलती है। शीतल ओ मुन दोनों ने ही अपने एंट्रेंस एग्जाम को हाई स्कोर से क्लियर कर लिया होता है। दोनों दोस्त दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेते हैं। वे गर्ल्स हॉस्टल में एक साथ रहते हैं। कॉलेज के पहले ही दिन कॉलेज के डीन द्वारा नियमों और विनियमों के बारे में कुछ निर्देश दिए गए थे। शीतल हर निर्देश को ठीक से सुनती है, वहीं दूसरी ओर मुन इसे अनदेखा कर देती है और वह केवल कॉलेज जीवन और मस्ती के आनंद के बारे में सोचती है। शीतल को निश्चित रूप से थोड़ा डर लग रहा है और वह उस क्षेत्र से एक अजीब तरह की वाइब्स महसूस कर रही है। इस भावना को वह खुद नहीं समझ पा रही है, moon कॉलेज में उसके स्वभाव से मिलते-जुलते दो दोस्तों को ढूंढती है, उन दो लड़कियों के नाम डेजी और सोनी हैं ! moon डेज़ी और सोनी को अपने स्वभाव से बहुत समान पाता है और वो तीन एक साथ सबसे अच्छे दोस्त बन जाते हैं, moon उनकी कंपनी का आनंद लेना शुरू कर देता है और वह शीतल को नज़रअंदाज़ करना शुरू कर देती है। और वो उससे मिलना भी बंद कर दिया। शीतल को moon के नए दोस्त और उसका बदलता स्वभाव बिल्कुल भी पसंद नहीं आता लेकिन वह इस बारे में moon से एक शब्द भी नहीं बोलती एक दिन डेज़ी ने moon को गर्ल्स हॉस्टल के प्रतिबंधित क्षेत्र के बारे में बताया moon को याद आता है कि कोलाज के पहले दिन पर भी गर्ल्स हॉस्टल के तीसरे फ्लोर का वॉशरूम एरिया किसी कारण से प्रतिबंधित था और किसी को भी तीसरी मंजिल पर जाने की अनुमति नहीं है। moon के दिल में वहां जाने के लिए बहुत उत्सुकता होता है क्योंकि वह एक जिज्ञासु स्वभाव की है, वह यह जानने में बहुत रुचि रखती है कि वह क्षेत्र प्रतिबंधित क्यों है, उस क्षेत्र में रहस्य क्या है। इसलिए moon डेज़ी और सोनी मिलकर एक योजना बनाते हैं कि वे तीसरी मंजिल पर जायेंगेऔर रहस्य का पता लगा गए शीतल को पता चला है कि वो तीन प्रतिबंधित क्षेत्र में जाने की योजना बना रहे हैं, शीतल moon से मिलती है और उसे कहा

कि वह ऐसा काम न करे क्योंकि वह गलत कर रही है और इससे उसे कॉलेज से निकाला जा सकता है। शीतल गुस्से में उससे पूछती है कि वह यह सब क्यों करना चाहती है? क्या वह अपने घर से इतनी दूर पढ़ने या इस तरह के काम करने के लिए आई है? शीतल ने moon को कहा कि “वह कभी भी इस कॉलेज में प्रवेश नहीं लेना चाहती है, लेकिन क्योंकि वो

कॉलेज में पढ़ना चाहती थी इसलिए मैंने हमारे माता-पिता दोनों को इस कोलाज के लिए राजी कर लिया था, मैंने आपके लिए यह किया था तो आप नहीं जाएंगे ऐसा कुछ भी करने के लिए और आप इन दोनों लड़कियों से दूर रहेंगे अन्यथा मैं आपके माता-पिता को आपके बदलते व्यवहार और आपके नए गलत दोस्तों की कंपनी के बारे में बताने जा रही हूं। moon शीतल से इतना गुस्सा हो गयी और उससे कहा कि तुम जो चाहो करो क्युकी मैं तुम्हारी धमकियों से नहीं डरti। उन दोनों में बड़ी लड़ाई हुई और moon ने शीतल को छोड़ दिया और अपनी बचपन की दोस्ती तोड़ दी।शीतल को वास्तव में बुरा लगता है वह सिर्फ moon के लिए अच्छा चाहती है लेकिन मुन यह नहीं समझती है। रात में मुन, डेज़ी और सोनी तीनों प्रतिबंधित क्षेत्र की तीसरी मंजिल पर चले गए। जैसे ही तीसरी मंजिल से धीरे-धीरे ऊपर आते हैं तो उनके वजन से सीढ़ियां में क्रैक आने लगते हैं क्योंकि निर्माण बहुत घटिया है। वे तीसरी मंजिल के वॉशरूम में पहुंचने ही वाले होते हैं कि सीढ़ियों की दरारें बड़ी होने लगती हैं।

क्योंकि तीसरी मंजिल का निर्माण बहुत घटिया है, इस कारण इसे प्रतिबंधित कर दिया गया है उसके बाद पूरी मंजिल, दीवारें, क्षेत्र नष्ट होने लगते है उन को इतने डर लग रहा होता हैं मुन को एहसास हुआ कि वह बहुत गलत थी और उसने शीतल को अनदेखा कर के गलत किया और उसकी बात नहीं मानी। उसने अपने दोस्तों को नज़रअंदाज़ करना और दूसरों की बात सुन कर गलत किया।दूसरी तरफ शीतल को इस तरह अकेले बैठना बुरा लग रहा है or moon से लड़ने के बाद वह कोलाज छोड़ने का फैसला करती है लेकिन इससे पहले वह moon से मिलना चाहती है और उसके अशिष्ट व्यवहार के लिए उससे माफी मांगना चाहती है। और फिर वह न चाहते हुए भी  मुन के कारण वह आखिरी बार मुन को देखने के लिए तीसरी मंजिल पर जाने को निकली जब वह जा रही थी वार्डन उसे देख लेती है और उसने प्रिंसिपल से इस बारे में शिकायत करती है शीतल दूसरी मंजिल तक पहुंच गई थी उसने देखा कि सीढ़ियों में दरारें आने लगी हैं, वह तेजी से ऊपर की ओर दौड़ने लगती है, लेकिन प्रिंसिपल or डीन ने उसे रोक दिया और उसे डांटा कि वह इस क्षेत्र में क्यों आई, यहां तक ​​​​कि आपको इस क्षेत्र के प्रतिबंध के बारे में निर्देश दिया गया है फिर भी, शीतल ने पूरी कहानी प्रिंसिपल को बताई, जो डेज़ी और सोनी को मुन को फसया है। इस सब में और अब वे बड़ी मुसीबत में हैं। प्रिंसिपल ने तुरंत रेस्क्यू टीम को बुलाया और उन 3 को बचा लिया.शीतल और moon दोनों ने अपने कॉलेज का पहला साल पूरा किया और हमेशा के लिए देहरादून वापस आ गए और अपनी पढ़ाई जारी रखी फिर से सब कुछ पटरी पर आ गया है दोनों दोस्त फिर से साथ हैं मुन अब बहुत परिपक्व और समझदार हो गए हैं, दोनों दोस्त फिर से अपनी दोस्ती के साथ अपने शहर में वापस आ गए हैं और उनकी पुरानी मस्ती भी . 

कहानी की नीति ; कभी-कभी हमारे अपनों को हमारे साथ होने वाली चीज़ो के बारे में हमसे पहले पता चल जाता है कि हमारे लिए चीजें कहां गलत हो रही हैं इसलिए हमें हमेशा उनकी सलाह माननी चाहिए। क्योंकि वे हमेशा हमारा भला चाहते हैं।

Happy Reading

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Dolly Jain
Punjab