अब अकेले रहना होगा - ZorbaBooks

अब अकेले रहना होगा

*अब अकेले रहना होगा

हमारे सफरे जहा अलग हो गए ,वो हम जहा अलग हो गए ,जिस सफर निकले थे हम जाने कहा गुमसुधा हो गए ,अब हर पथ पे ,मथ पे ,महफिलों के भीड़ में हमे सब रहे जिंदगी अकेले कहना होगा अब अकेले रहना होगा

चोटी का शिखर हो , भीड़ का कहर हो ,हम तानो का जहर हो, चाहे विश से भरा तल हो ,सबको अकेले सहना होगा ,अब अकेले रहना होगा

मैं पर्वत के ऊंचाई पे , सागर के गहराई में , ईट पत्थर के पथराई में , काटो के बगीचाई में , विजय के सीस पे ,पराजय के हार में , काटे,पत्थर , विजय,हार ,मन का रचा माया जाल ,सबको एकत्रित कर बस यह कहना होगा अब अकेले रहना होगा

Leave a Reply

Priyanshu singh
Uttar Pradesh