जमाने भर की बातें उनसे कह दीं ! - ZorbaBooks

जमाने भर की बातें उनसे कह दीं !

ज़माने भर की बातें तो उनसे कह दीं

पर जो कहना चाहिए था वो कहा नहीं

वो सच में प्यार था या बचपना था

मोहब्बत हो गयी थी क्या पता नहीं

वो मुझको लग रहा था प्यार मेरा

वो जैसा लग रहा था शायद वैसा था नहीं !

दिल लगाने की बहुत है कोशिस कर ली

पर दिल है कि लगता नहीं उनके बिना !

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Rahul kiran
Bihar